Bihar Board Grace Marks Kya Hota Hai बिहार बोर्ड में शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्रों के लिए अक्सर एक सवाल उठता है कि उनकी मार्कशीट में कुछ सब्जेक्ट्स के सामने स्टार क्यों लगा होता है और क्या इसका मतलब है? दरअसल, यह स्टार ग्रेस मार्क्स के कारण होता है, जो छात्रों को पास करने में मदद करता है, खासकर उन छात्रों को जो किसी एक या दो विषयों में फेल हो जाते हैं। तो आइए जानते हैं ग्रेस मार्क्स के बारे में विस्तार से।
Bihar Board Grace Marks छात्रों के रिजल्ट को बेहतर बनाने में मदद करता है और उनका भविष्य संवारने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हालांकि, यह सुविधा कुछ विशेष शर्तों के तहत मिलती है और सभी छात्रों को नहीं मिलती। इस ब्लॉग में, हम जानेंगे कि ग्रेस मार्क्स क्या होते हैं, किन छात्रों को मिलते हैं और इसके नियम क्या हैं।
Bihar Board Grace Marks Kya Hota Hai Highlight
Name Of Board | Bihar School Examination Board,BSEB |
Title | Bihar Board Grace Marks Kya Hota Hai बिहार बोर्ड के ग्रेस मार्क्स: क्या हैं और कैसे काम करते हैं? |
Category | Grace Marks |
Session | 2023-25 |
Officiel Website | biharboardonline.com |
Grace Marks Kya Hota Hai (ग्रेस मार्क्स क्या होते हैं?)
ग्रेस मार्क्स का मतलब है वे अतिरिक्त अंक जो बिहार बोर्ड द्वारा छात्रों को दिए जाते हैं जब वे किसी विषय में पासिंग मार्क्स से थोड़े कम होते हैं। उदाहरण के लिए, अगर किसी छात्र ने किसी विषय में 30 में से 25 अंक प्राप्त किए, तो उसे ग्रेस मार्क्स दिए जाते हैं, ताकि वह पास हो सके। यह सुविधा उन छात्रों के लिए होती है जो सामान्यतः पास होने की कगार पर होते हैं, लेकिन एक या दो विषयों में थोड़ा सा कमजोर रहते हैं।
Bihar Board Grace Marks Kab Aur Kitna Milta Hai (ग्रेस मार्क्स का नियम)
बिहार बोर्ड के परीक्षा नियमों के अनुसार, अगर किसी छात्र को एक विषय में पासिंग अंक नहीं मिलते, तो उसे ग्रेस मार्क्स दिए जाते हैं। अगर छात्र के पासिंग मार्क्स की सीमा 30 है (मैट्रिक के लिए) या 33 है (इंटर के लिए), और वह एक विषय में कुछ अंक कम प्राप्त करता है, तो उसे ग्रेस मार्क्स मिलते हैं।
ग्रेस मार्क्स एक सब्जेक्ट में अधिकतम 10 अंक तक हो सकते हैं। यदि छात्र दो विषयों में फेल हो जाता है, तो वह प्रत्येक विषय में अधिकतम 5 अंक तक प्राप्त कर सकता है, जिससे कुल 10 अंक मिल सकते हैं।
किसे मिलता है ग्रेस मार्क्स?
ग्रेस मार्क्स सभी छात्रों को नहीं मिलते। इसका निर्णय बिहार बोर्ड द्वारा किया जाता है। जैसे ही परीक्षा के परिणाम तैयार होते हैं, बोर्ड यह देखता है कि किस छात्र को एक या दो विषयों में कम अंक आए हैं और क्या उस छात्र के बाकी विषयों में अच्छे अंक हैं। यदि किसी छात्र को एक या दो विषयों में फेल होने के बावजूद अन्य विषयों में अच्छे अंक हैं, तो उसे ग्रेस मार्क्स दिए जाते हैं ताकि वह पास हो सके।
ग्रेस मार्क्स का प्रभाव
ग्रेस मार्क्स का सीधा प्रभाव छात्र के रिजल्ट पर पड़ता है। बहुत बार यह देखा गया है कि ग्रेस मार्क्स के कारण छात्रों का रिजल्ट अच्छा हो जाता है और वे पास हो जाते हैं। हालांकि, यदि किसी छात्र को तीन या अधिक विषयों में फेल होने की स्थिति में ग्रेस मार्क्स नहीं मिलते। ऐसे छात्रों को अगले वर्ष फिर से परीक्षा देनी होती है या फिर स्पेशल एग्जाम का विकल्प होता है।
ग्रेस मार्क्स कब और कितने मिलते हैं?
ग्रेस मार्क्स देने का निर्णय बिहार बोर्ड के द्वारा लिया जाता है। 2022 के बाद, ग्रेस मार्क्स को काफी बढ़ा दिया गया था, जिससे छात्रों के पास होने की संभावना में भी वृद्धि हुई। 2024 में देखा गया कि एक विषय में अधिकतम 8 अंक और दो विषयों में अधिकतम 4-4 अंक दिए गए।
यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि ग्रेस मार्क्स देने का निर्णय पूरी तरह से बोर्ड के हाथ में होता है। यदि किसी छात्र को ग्रेस मार्क्स मिलता है, तो वह पास हो जाता है, और यदि नहीं मिलता, तो उसे फेल कर दिया जाता है।
क्या तीन विषयों में फेल होने पर ग्रेस मार्क्स मिलता है?
अगर कोई छात्र तीन या अधिक विषयों में फेल हो जाता है, तो उसे ग्रेस मार्क्स नहीं मिलते। ऐसी स्थिति में उस छात्र को अगले वर्ष फिर से पूरे विषयों का परीक्षा देना होता है। इसके अलावा, छात्र स्पेशल एग्जाम भी दे सकता है, जो हर साल अप्रैल-मई में आयोजित किए जाते हैं।
निष्कर्ष- Bihar Board Grace Marks Kya Hota Hai
बिहार बोर्ड के ग्रेस मार्क्स छात्रों के लिए एक राहत की तरह होते हैं, जो फेल होने से बचने के लिए उन्हें कुछ अतिरिक्त अंक प्रदान करते हैं। हालांकि, यह सुविधा कुछ विशेष नियमों के तहत होती है और सभी छात्रों को नहीं मिलती। इस प्रक्रिया से छात्रों को पास होने का एक और मौका मिलता है, लेकिन यह भी ध्यान रखना चाहिए कि यदि किसी छात्र को तीन या अधिक विषयों में फेल कर दिया जाता है, तो उसे ग्रेस मार्क्स नहीं मिलेगा और उसे अगली बार परीक्षा देनी होगी।
ग्रेस मार्क्स की यह प्रक्रिया बिहार बोर्ड द्वारा छात्रों के भविष्य को बेहतर बनाने के उद्देश्य से अपनाई जाती है, लेकिन इसका फायदा तभी होता है जब छात्रों ने अन्य विषयों में अच्छा प्रदर्शन किया हो।
यह ब्लॉग बिहार बोर्ड के ग्रेस मार्क्स सिस्टम को समझाने के उद्देश्य से लिखा गया है। यदि आप इसे और विस्तार से समझना चाहते हैं या कुछ और सवाल हैं, तो कृपया हमें बताएं!